Friday, August 28, 2009

~ खलल ~



ख़ुशी रहती नहीं,
खाली पैमाना देख के
ख्वाब सजते नहीं,
बिखरे अरमान देख के
हम बदनाम सही,
इश्क का फरमान भेज के
और हैरान सही,
तेरा पैगाम देख के।


तेरी महफिल में अब अनजान सही
तुझको यूँ आबाद देख के।

1 comment:

humbl devil said...

hum jhuk gaye...
aapki kaabil shayari dekh ke...
:)

Octpowrimo - #11 - Connect

crowded queues varied views tragic news! I seek to escape... need to over-generalize. Each viewpoint - its own faded hue orange, reds and bl...