Saturday, December 27, 2008

पहचान




आसमान पर सितारों में कई जुगनू भी तो होंगे,
सितारों की चमक से दूर, वोह भी कहीं चमकते ही होंगे
चाँद की चांदनी और सूरज की रौशनी से परे
इन जुगनुओं की रौशनी भी तो किसी के चहेरे पे चमक लाती होगी।

सितारों के शहर में, एक जुगनू बेचारा,
अपना वजूद ढूँढता हुआ, घूमता आवारा।
आज उसे भी अपनी मंजिल नज़र आई,
औरों की चमक में उसे अपनी पहचान नज़र आई।

आंखों में आज उसके सपनो की चमक छायी,
उसकी खुशी में, सबके चेहरों पर खुशी आई।
आज सितारों में एक जुगनू ने,
अपनी जगह बनाई।।

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