Tuesday, January 05, 2010

~ Saiyyan ~



संभालो! की ख़ुशी
सहमी सी है दिल में
उभारो! की हँसी भी
दबी सी है दिल में

निखारो! की रंगत
है फूलों ने छीनी
समा लो मुझे!
की आँखें हैं भीगी

नज़ारे है बहके
उम्मीदें हैं ठहरी
कहाँ हो! की मेरी
धड़कन है धीमी

देखा करते थे तुम्हे
ख्वाबों के बहाने!
छुपा लो! की हक़ीकत
और प्यारी है उनसे.


Image Courtesy: http://fc05.deviantart.com/fs31/i/2008/188/8/d/Maude_Fealy_and_flowers_by_M3ment0M0ri.jpg

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